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आतंकियों के घात लगाकर किए गए हमले में 5 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले में सेना के जवानों पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। इसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए। 

वाहन जवानों को बुफलियाज़ के पास के इलाक़े से ले जा रहे थे, जहां बुधवार रात से आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चल रहा था। ऑपरेशन डीकेजी (डेरा की गली), थानामंडी, राजौरी के सामान्य क्षेत्र पर केंद्रित था। सेना ने गुरुवार शाम को कहा, '20 दिसंबर की रात से सामान्य क्षेत्र डेरा की गली में एक ऑपरेशन चलाया जा रहा था। 21 दिसंबर को लगभग 3.45 बजे, सेना के दो वाहन सैनिकों को लेकर ऑपरेशनल साइट की ओर जा रहे थे, जिन पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की।

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आतंकवादियों का यह हमला राजौरी-थानामंडी-सूरनकोट रोड पर सावनी इलाके में हुआ। आतंकवादियों ने काफिले पर गोलीबारी की, जिसमें एक ट्रक और एक जिप्सी शामिल थी। एक रक्षा पीआरओ ने पीटीआई को बताया, 'ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर कल रात एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। आज शाम संपर्क स्थापित किया गया और मुठभेड़ जारी है। आगे की जानकारी का पता लगाया जा रहा है।'

यह घटना बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक सशस्त्र पुलिस यूनिट के परिसर के अंदर हुए विस्फोट के बाद हुई है। अधिकारियों ने कहा था कि सुरनकोट इलाके में 19 और 20 दिसंबर की दरमियानी रात को हुए विस्फोट के कारण परिसर के पास खड़े कुछ वाहनों की खिड़कियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं।

द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि एक जिप्सी और एक मिनी ट्रक सहित दो वाहनों पर हमला हुआ। सूत्रों ने बताया कि जैसे ही वाहन टोपा पीर के नीचे पहुंचे, पहले से ही घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया।
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टोपा पीर के पास हमला दो दशक से अधिक समय के बाद हुआ है जब आतंकवादियों ने उसी स्थान पर राजौरी जिला और सत्र न्यायाधीश वीके फूल, उनके दोस्त और दो पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। यह समूह 1 दिसंबर 2001 को राजौरी से पुंछ की ओर जा रहा था।

अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार देहरा की गली और बुफलियाज़ के बीच का इलाका राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ज्यादातर घने जंगलों वाले इलाकों में से एक है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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