"जब इतिहास की किताबें लिखी जाएँगी, तो यह जरूर लिखा जाएगा कि जिस दौर में राजभवन नौकरशाहों के अड्डे बन गए थे, एक जाट किसान का बेटा वहाँ संविधान की धज्जियाँ उड़ाने से इनकार कर रहा था।"
सत्यपाल मलिक: संविधान का वह सिपाही जिसने सत्ता से सच कहने की कीमत चुकाई!
- श्रद्धांजलि
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- 5 Aug, 2025
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कई बार सत्ता के खिलाफ खड़े होकर सच बोलने का साहस दिखाया। जानिए, उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी निष्ठा कैसी रही।

5 अगस्त 2025 - अनुच्छेद 370 हटाए जाने की छठी वर्षगांठ पर, सत्यपाल मलिक ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम साँस ली। विडंबना देखिए - जिस शख्स ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए इस फैसले पर दस्तखत किए, वही बाद में इसके सबसे मुखर आलोचक बन गए।
पुलवामा का सच - एक राज्यपाल का पश्चाताप
फरवरी 2023 में 'द वायर' को दिए साक्षात्कार में मलिक ने जो खुलासे किए, वे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दर्ज हो गए:
"वो 40 जवान नहीं मरने चाहिए थे। मैं उस वक्त राज्यपाल था जब उनका खून कश्मीर की बर्फ पर बहा। सच तो यह है कि गृह मंत्रालय ने जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर आईईडी हमले की तीन लिखित चेतावनियों को नजरअंदाज किया था। सिर्फ सामान्य अलर्ट नहीं, बल्कि ठीक वैसे ही हमले की सटीक जानकारी जो बाद में हुआ।"