मुझे लगता है कि हमारे समय की सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली घटना है-सुप्रीम कोर्ट का पतन। इसके एक पूर्व जज के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं कम से कम चेतावनी की घंटी तो बजा दूं। राजनीतिक चिंतक एडमंड बर्क ने कहा है कि जजों को इस तरह प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि वे सरकार की गड़बड़ियों का पता लगा लें और 'हर राजनीतिक बयार के पहले ही उससे होने वाले उत्पीड़न को सूंघ लें।' हमें इस तरह के अदालतों की ज़रूरत है, पर दुर्भाग्यवश हमारी अदालतें ऐसी नहीं हैं।