जो घटना मोहम्मद अब्दुल समद सैफी के लिए आपदा रही, वही घटना हुकूमत के लिए अवसर बन गयी। हुकूमत का आरोप है कि एक पक्ष और है जो सैफी के साथ आपदा को ‘राजनीतिक अवसर’ में बदलने की कोशिश कर रहा था और अब बेनकाब हो चुका है। वास्तव में मोहम्मद अब्दुल समद सैफी के साथ हुई बर्बरता मूल घटना के केंद्र में रह ही नहीं गयी है।