“आज किसानों की भूमि अगर किसानों के नाम पर है तो इसका संपूर्ण यश चौधरी चरण सिंह को जाता है। जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे तो सामूहिक खेती की बात लेकर आये थे कम्युनिस्ट पैटर्न पर, चौधरी चरण सिंह एकमात्र ऐसे नेता थे जो इस मुद्दे पर कांग्रेस छोड़े, जवाहरलाल नेहरू के सामने खड़े होकर इसका विरोध किया कि किसान की भूमि किसान के नाम पर रहेगी। यहां कम्युनिस्ट थ्योरी नहीं चलेगी, किसान की भूमि पर किसान का अधिकार है। ये चौधरी साहब का काम था।“