“आज किसानों की भूमि अगर किसानों के नाम पर है तो इसका संपूर्ण यश चौधरी चरण सिंह को जाता है। जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे तो सामूहिक खेती की बात लेकर आये थे कम्युनिस्ट पैटर्न पर, चौधरी चरण सिंह एकमात्र ऐसे नेता थे जो इस मुद्दे पर कांग्रेस छोड़े, जवाहरलाल नेहरू के सामने खड़े होकर इसका विरोध किया कि किसान की भूमि किसान के नाम पर रहेगी। यहां कम्युनिस्ट थ्योरी नहीं चलेगी, किसान की भूमि पर किसान का अधिकार है। ये चौधरी साहब का काम था।“
चौ.चरण सिंह के बहाने नेहरू पर गृहमंत्री के वार में झूठ की धार !
- विचार
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- 17 Feb, 2024
गृहमंत्री अमित शाह ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद टाइम्स नाऊ चैनल की पत्रकार नविका कुमार के एक सवाल के जवाब में कहा था कि चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में सामूहिक खेती के नेहरू जी के प्रस्ताव का विरोध किया था।

फाइल और प्रतीकात्मक फोटो