बहुत पीछे लौटने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। 20 से 25 साल पीछे लौट जाइये। बिहार में लड़कियों का साइकिल चलाना अटपटा मालूम पड़ता था। गाँव की लड़कियों की तो छोड़ ही दीजिए, छोटे-छोटे शहरों में भी इसका चलन नाम मात्र ही था। स्कूल में लड़कियों की संख्या भी बहुत कम थी।