आटे-दाल का भाव सिर्फ़ इस देश तो क्या, दुनिया के खासे बड़े हिस्से में भूखे पेटों की आम समस्या रहा है। अकारण नहीं कि बड़े-बुजुर्ग दुनिया मुट्ठी में कर लेने की आतुरता में ‘हाथ से बेहाथ होती’ नई पीढ़ी को सुनाकर यह कहने से नहीं चूकते कि ‘आटे-दाल का भाव पता चलेगा, तब समझ में आयेगा’।