नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ इस समय एक ज़बरदस्त माहौल है। कहा जा रहा है कि इस बार तो उनकी पार्टी काफ़ी सीटें हारने वाली है और वह चौथी बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे। प्रचारित किया जा रहा है कि ‘सुशासन’ बाबू ने बिहार को अपने राज के पंद्रह सालों में ‘कुशासन’ के अलावा और कुछ नहीं दिया। (हालाँकि बीजेपी नेता सुशील मोदी भी इस दौरान एक दशक से ज़्यादा समय तक उनके ही साथ उप-मुख्यमंत्री रहे हैं)।