निचली अदालत से अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जानिए, हाईकोर्ट में सुनवाई करने वाले जज के हितों के टकराव को लेकर वकीलों ने क्या लिखा है।
क्या न्यायपालिका पर हमले हो रहे हैं और उस पर जबरदस्त दबाव डालने की कोशिश की जा रही है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्टों के सेवानिवृत्त जजों ने सीजेआई को ख़त लिखकर क्या कहा है।
क्या न्यायपालिका पर हमले हो रहे हैं? क्या न्यायपालिका पर जबरदस्त दबाव डालने की कोशिश की जा रही है? यदि ऐसा है तो ऐसा कौन कर रहा है? जानिए, 600 वकीलों की चिट्ठी पर पीएम मोदी ने क्या कहा और कांग्रेस ने क्या जवाब दिया।
पत्र लिखने वालों में पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे समेत कई वरिष्ठ वकील शामिल हैं। 26 मार्च को ही लिखे इस पत्र में वकीलों ने सीजेआई से कहा है कि न्यायपालिका खतरे में हैं और एक समूह न्यायपालिका पर दबाव बना रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से मुख्य न्यायाधीश को हटाने वाले क़ानून पर रोक से इनकार क्यों? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में राजनेता से लेकर अभिनेता, खिलाड़ी, व्यवसायी और अन्य हस्तियाँ ही नहीं शामिल हुईं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और क़ानूनी अधिकारी भी शामिल हुए।
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्त को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाले मोदी सरकार के क़ानून पर रोक लगाने से इनकार क्यों? जानिए, अदालत ने क्या कहा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि ऐसे मामलों के लिए हाईकोर्ट में एक स्पेशल बेंच गठित की जानी चाहिए। साथ ही निचली अदालतें सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित क्रिमिनल केसों की निगरानी के लिए स्वत:संज्ञान लें।
पत्रकारों के विभिन्न संगठनों की ओर एक संयुक्त पत्र भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि मीडिया के खिलाफ सरकार की कार्रवाइयां हद से ज्यादा की गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
नूंह हिंसा के बाद हरियाणा में मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार जैसे नफरती भाषणों को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की महिला वकीलों के फोरम ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र भेजा है।
हरियाणा के नूहं में सोमवार को भड़की हिंसा और आगजनी के बाद, विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई कर निर्देश देने की मांग की गई थी।
स्वीकार- द रेनबो पैरेंट्स ने अपने पत्र में लिखा कि “हम अपने बच्चों और दामादों को अपने देश में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने रिश्ते के लिए अंतिम कानूनी स्वीकृति प्राप्त करने की मांग रखते हैं।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अजीब सा वाकिया देखने को मिला, शुरुआत हुई एक बैंच द्वारा मामला दूसरी बैंच में भेजे जाने को लेकर जिसपर दूसरी बैंच ने खुले तौर पर अपनी नाखुशी जताई।