सेबी प्रमुख माधबी बुच के सामने एक और बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है! जानिए, कांग्रेस ने उनपर कहाँ कहाँ से सैलरी लेने का आरोप लगाया और इस्तीफे की मांग क्यों की।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई संदिग्ध ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। जानिए, आख़िर अब तक इस मामले में क्या जानकारी आई है और क्या है पूरी कहानी।
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और अडानी समूह की कंपनियों के बीच संबंधों ने विवाद को और बढ़ा दिया है। सेबी प्रमुख ने अडानी समूह की कंपनियों से संबंधों पर सफाई दी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने कहा कि हमारे आरोपों की सेबी प्रमुख की सफाई से और पुष्टि हो गई। हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी प्रमुख ने अब यह स्वीकार किया कि 2015 में उन्होंने और उनके पति के पास अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी। जानिए पूरा मामलाः
अमेरिकी सॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट से भारत में फिर से हलचल है। जानिए, सेबी अध्यक्ष को लेकर रिपोर्ट में किए गए दावों के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अडानी पर क्या हमला किया।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि सेबी प्रमुख माधबी बुच की अडानी की ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी इसलिए उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जानिए, इन आरोपों पर बुच ने क्या जवाब दिया है।
अमेरिकी सॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने फिर से अपनी एक ताज़ा रिपोर्ट से भारत को लेकर तूफ़ान खड़ा करने वाली रिपोर्ट दी है। जानिए, इस रिपोर्ट पर अडानी समूह ने क्या प्रतिक्रिया दी है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट जनवरी 2023 में पहली बार राजनीतिक तूफ़ान खड़ा करने के क़रीब 18 महीने बाद आई है। जानिए, ताज़ा रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर क्या आरोप लगाया गया है।
पिछले साल उठा अडानी हिंडनबर्ग का तूफान अभी भी मंद क्यों नहीं पड़ रहा है? आख़िर एक के बाद एक रिपोर्टों में क्यों निवेश के नियमों के उल्लंघन की रिपोर्टें आ रही हैं। जानिए, सेबी की ताज़ा जाँच में क्या सामने आया।
अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उस रिपोर्ट के आने से पहले ही एक निवेशक के बारे में गड़बड़ियाँ उजागर हुई हैं। जानिए, क्या आरोप लगा है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में आई गिरावट ने तहलका मचा दिया था तो क्या फिर से भारतीय कंपनियों को लेकर ऐसी स्थिति आने वाली है?
अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल ने क्या अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी? जानिए पैनल की रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह से संबंधित मामले में आज मार्केट रेगुलेटर सेबी को जांच के लिए तीन महीने का समय दे दिया है। पिछली सुनवाई पर सेबी ने 6 महीने मांगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसी समय इशारा कर दिया था कि इतना लंबा समय नहीं मिलेगा और हम कम से कम तीन महीने का समय देंगे। उसकी घोषणा आज कर दी गई है।
अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में जाँच के लिए सेबी आख़िर छह महीने का समय और क्यों मांग रहा है? सेबी ने आख़िर क्या जाँच की है? जानिए, इस मामले में उसने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा।