लंबे वक़्त तक सियासी ख़ालीपन से गुज़रे जम्मू कश्मीर में क्या अब राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो गई है? यह सवाल इसलिए कि नेशनल कॉन्फ़्रेंस के प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के कई नेताओं से गुरुवार को मुलाक़ात की है।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के महासचिव अशोक कौल ने कहा है कि जब तक कश्मीर में उग्रवाद जारी रहेगा, 4-जी इंटरनेट सेवा बहाल नहीं होगी। तो क्या घाटी में 4-जी सेवा लंबे समय तक नहीं शुरू होगी? बता रहे हैं पत्रकार हारून रेशी।
पाकिस्तान ने सोचा था कि सरूदी अरब को धमकाकर वह कश्मीर के मामले में इस्लामी देशों को समर्थन हासिल कर लेगा, मगर उसका दाँव उल्टा पड़ गया है। सऊदी अरब नाराज़ हो गया है और उसे मनाने के लिए उसे पैर रगड़ने पर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 15 अगस्त के बाद वह जम्मू के एक और कश्मीर के एक जिले में इंटरनेट सेवा को ट्रायल के आधार पर शुरू करेगी।
जम्मू कश्मीर में बीजेपी नेताओं पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। रविवार को भी कश्मीर के बडगाम में पार्टी के एक नेता को संदिग्ध आतंकवादियों ने गोली मार दी। इसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी को चेतावनी दी है कि अगर उसने कश्मीर के सवाल पर विदेश मंत्रियों का सम्मेलन न बुलाया तो पाकिस्तान खुद सम्मेलन करेगा। उसकी इस धमकी को ओआईसी और सऊदी अरब किस रूप में लेंगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के समय कहा था कि यह जम्मू और कश्मीर के विकास के नए युग की शुरुआत करेगा। लेकिन 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर और कश्मीर के लोगों की विकट स्थिति है।
बीजेपी नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल बनाए गए हैं। मगर सवाल उठता है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालारों के पास कोई स्पष्ट रोड मैप नहीं है तो वे क्या कर पाएँगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाए जाने को एक साल बीत गया है। इस एक साल में ये राज्य कितना बदला है? अवाम कितना खुश हैं? और क्या वे वादे पूरे होते दिख रहे हैं जो इन धाराओं को हटाते वक़्त किए गए थे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने कश्मीर टाइम्स की एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन से इन्हीं सब सवालों पर बात की। पेश है बातचीत के महत्वपूर्ण अंश
धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के हालात कितने बदले हैं, वहाँ के अवाम क्या सोच रहे हैं, वे नाउम्मीद हैं या उन्हें इसे अँधेरे में उम्मीद की कोई रौशनी दिखलाई दे रही है। पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की श्रीनगर स्थित वरिष्ठ पत्रकार हारुन रेशी से बेबाक बातचीत।