चुनाव आयोग का हर सीट पर अलग-अलग रवैया क्यों रहा है? ऐसा क्यों है कि लक्षद्वीप, रामपुर और स्वार में चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जल्दी है, जबकि खतौली और वायनाड सीट पर उसे उपचुनाव की जल्दी नहीं होती है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुद्दे पर जर्मनी का बयान तूल पकड़ रहा है। इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान देने पर मामला ज्यादा बढ़ा। बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री आज सारा दिन कांग्रेस पर हमला करते रहे।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री का राजनीतिक विश्लेषण किया है और पाया है कि भारत जब 2024 के आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है, नरेंद्र मोदी की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। वो एक चुनौती को किनारे लगाते हैं तो दूसरी तैयार मिलती है। पढ़िए, पूरी रिपोर्टः
ललित मोदी ने कहा, 'मैंने राहुल गांधी को तुरंत ब्रिटेन की अदालत में ले जाने का फैसला किया है। मुझे यकीन है कि उन्हें कुछ ठोस सबूतों के साथ अदालत में मेरे सामने आना होगा। मैं उसे(राहुल गांधी) पूरी तरह से मूर्ख बनाते हुए देखने के लिए उत्सुक हूं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने पर जर्मनी ने महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी है। उसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों को याद दिलाया है। जर्मनी की प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी को एक और मुद्दा मिल गया है कि राहुल विदेशों से मदद मांग रहे हैं।
राहुल गांधी को दो साल की सजा होने और संसद सदस्य से अयोग्य होने के बाद एकजुट हुए विपक्ष पर प्रधानमंत्री ने अब भ्रष्टाचारियों का मंच होने का आरोप लगाया। जानिए उन्होंने और क्या कहा।
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बंगला खाली करने का आदेश दिया है। इस पर खड़गे ने कहा कि वो अपना बंगला राहुल को दे देंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राहुल के पास बंगले की कमी नहीं है। लाखों भारतीय अपना घर देने को तैयार हैं।
विपक्षी एकता में कथित दरार को लेकर जो भी कयास लगाए जा रहे थे, उसका शिवसेना (यूबीटी) ने आज पटाक्षेप कर दिया। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि वो विपक्ष के साथ है।
गैर भाजपाई दलों को एक सूत्र में पिरोने के लिए कोई मुद्दा चाहिए था, वो उन्हें राहुल गांधी के रूप में मिल गया है। लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि गैर भाजपाई दलों की एकता कब तक कायम रह पाती है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने इसी का जायजा लिया है।
विपक्षी एकता में आज एक बड़ी कामयाबी उस समय मिली जब 17 दल कांग्रेस के साथ न सिर्फ बैठे बल्कि काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए है। हालांकि काले कपड़े का निर्देश कांग्रेस सांसदों को था। लेकिन सबसे बड़ा घटनाक्रम ममता बनर्जी की टीएमसी के शामिल होने का है। अभी तक टीएमसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो रही थी।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और एमवीए गठबंधन में कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को सावरकर का जिक्र करने पर चेतावनी दी है। उद्धव ने कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।