उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के बीजेपी विधायक राकेश राठौर ने जो कुछ कहा है, उससे पता चलता है कि राज्य के बीजेपी विधायकों को अपनी बात रखने की कितनी आज़ादी है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बदइंतजामों पर आम लोगों की नाराज़गी तो आपने देखी ही, बीजेपी के नेता भी कई बार खुलकर योगी सरकार के ख़िलाफ़ नाराज़गी जता चुके हैं।
कोरोना के चरम पर हुए पंचायत चुनाव में यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की दुर्गति हुई है। किसान आंदोलन की आँच में पार्टी पश्चिमी यूपी में भी बुरी तरह झुलसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी को हार मिली है।
उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराये गये बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में दस साल की सजा सुनाई गई है।
उत्तर प्रदेश में लगता है कि बीजेपी के विधायक सरकार से ख़ुश नहीं हैं। विधायकों के विधानसभा में सरकार के ही ख़िलाफ़ बग़ावत करने से पार्टी अलर्ट हो गयी है।
उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में आज पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्तारूढ़ दल के लोग अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक सरकार के ख़िलाफ़ बग़ावत पर उतर आए हैं।
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुई ट्रक दुर्घटना के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाख़िल कर दी है। चार्जशीट में बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों पर हत्या का आरोप नहीं है।
उन्नाव रेप पीड़िता के वकील को अपनी जान का डर था और उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस देने की माँग की थी।