यूपी एटीएस ने जिन लोगों को ग़ैरक़ानूनी तरीके से धर्म परिवतर्न कराने का आरोप लगाया था, उनमें से आठ लोगों के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का आरोप लगा दिया है।
पुलिस के द्वारा अमिताभ को जबरन गाड़ी में डालकर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जोरदार ढंग से वायरल हुआ है और इसके लिए पुलिस के साथ ही योगी सरकार की भी जमकर आलोचना की जा रही है।
मुठभेड़ोंं में तैंतीस सौ से ज्यादा कथित अपराधियों की टांग पर गोली लगी है। यानी उन्हें लंगड़ा कर दिया गया। क्या है ऑपरेशन लंगड़ा।आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक और लेखक विभूति नारायण राय, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान और किस्सा गो हिमांशु बाजपेई
उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा न करने से जुड़े अखिलेश यादव के बयान पर राजनीतिक तूफान मचा हुआ है। यूपी बीजेपी ने हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या वे पाकिस्तान और वहाँ के आतंकवादियों पर भरोसा करते हैं।
मशहूर शायर मुनव्वर राना के लखनऊ के उनके घर में अचानक देर रात यूपी पुलिस ने तलाशी ली है। मुनव्वर राना के परिवार के लोगों ने आरोप लगाया है कि बिना किसी वारंट दिखाए पुलिस ने यह तलाशी ली और अचानक घर में घुस आई।
ग़ाज़ियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति के हमले के बारे में ट्वीट को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट से ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को मिली अंतरिम राहत के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है।
राष्ट्रपति की कानपुर यात्रा को देखते हुए सुरक्षा इतंजाम किया गया और सड़क परिवहन को कई जगहों पर रोक दिया गया। इस वजह से एक महिला को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सका, जिससे उनकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड यानी एटीएस ने सोमवार को बड़े पैमाने पर कथित धर्मांतरण करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। इसका दावा है कि यह गिरोह एक हज़ार से ज़्यादा लोगों का धर्मांतरण करा चुका है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस के रवैये को आश्चर्यजनक क़रार दिया है।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में एक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार रात को मौत हो गई। इससे एक दिन पहले ही पत्रकार ने अपनी एक रिपोर्ट से शराब माफिया के नाराज़ होने और उससे जान के ख़तरे की आशंका जताई थी।
यूपी के एटा में पुलिसकर्मियों ने ढाबा में खाना खाया। बिल के रुपये मांगने पर ढाबा मालिक, स्टाफ़ और ग्राहकों को पीटा। झूठे आरोपों में सबको जेल में डाल दिया। अब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है।
आख़िर गुंडों के सामने बेबस क्यों हो जाती है यूपी पुलिस? क़ानून व्यवस्था ठीक करने का वादा करने वाले योगी के राज में ये सब कैसे? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट। Satya Hindi
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में मंगलवार को देर शाम हुई एक पुलिसकर्मी की नृशंस हत्या और एक दारोग़ा को ख़ून से तरबतर कर दिए जाने की घटना ने लोगों को गत वर्ष कानपुर के बिकरू कांड की याद ताज़ा कर दी।