ऐसे समय जब भारत में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपए प्रति लीटर पार कर गई और उपभोक्ताओं ने चूँ तक नहीं की, बल्कि सरकार समर्थक लोगों ने इसे उचित ठहराने के कई तर्क गढ़ लिए, पड़ोस के ही देश कज़ाख़स्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की क़ीमत बढ़ने पर इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ कि सरकार सांसत में है।
पेट्रोल की बढ़ती क़ीमत से कज़ाखस्तान में बग़ावत पर जनता!
- दुनिया
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- 31 Jan, 2022

कज़ाख़स्तान में रसोई गैस की क़ीमत में बढ़ोतरी से हिंसा क्यों हो गई? ख़बर है कि अब तक कम से कम 44 लोग मारे जा चुके हैं। आख़िर महंगाई वहाँ इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन गयी?
कज़ाख़स्तान के मौजूदा संकट की शुरुआत रसोई गैस की क़ीमत में बढ़ोतरी से हुई। मध्य एशिया के इस देश के पास दुनिया का लगभग 30 प्रतिशत खनिज तेल भंडार है और यह दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस उत्पादकों में से एक है। पहले यहां पेट्रोल डीज़ल और रसोई गैस की कीमतों की एक उच्चतम सीमा तय थी, जो सरकार ने तय कर रखी थी। सरकार ने उच्चतम सीमा की व्यवस्था ख़त्म कर दी और उसे बाज़ार के भरोसे छोड़ दिया।