जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में क्वाड पर भाषण देने में व्यस्त थे तब यहाँ भारत के पड़ोस श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन हो रहा था। श्रीलंका में वो अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति चुने गए जो उत्तरी श्रीलंका में भारत के अडानी समूह द्वारा शुरू की जा रही सौर ऊर्जा परियोजना को रद्द करने की धमकी दी है। क्या यह 'पड़ोसी सर्वप्रथम नीति' को झटका है? क्या श्रीलंका मालदीव की राह पर चलेगा? मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल पहले से ही भारत से विमुख दिख रहे हैं। पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान का तो ज़िक्र ही न करें तो बेहतर। म्यांमार में हिंसक गृहयुद्ध से उलटे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अशांति का ख़तरा रहता है। तो सवाल है कि क्या भारत की विदेश नीति 'पड़ोसी सर्वप्रथम नीति' से हट गयी है या फिर यह कारगर होती नहीं दिख रही है?