हरियाणा में भाजपा पिछली दो बार से सत्ता में है। तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने को लेकर भाजपा को कड़ी परीक्षा से गुजरना तय है। लोकसभा चुनावों में 10 में से 5 सीटों पर भाजपा को हार मिली है। इसका प्रभाव राज्य की विधानसभा चुनाव में पड़ना निश्चित है। विपक्षी दल कांग्रेस को मिली सफलता से स्थानीय नेताओं में विश्वास पुख्ता हुआ है और बड़ी सफलता की उम्मीद बंधी है। क्षेत्रीय दल इनेलो, जजपा को जिस तरह से मतदाताओं ने नाकारा है उनका कोई राजनीतिक आधार कहीं बचा हुआ नहीं दिख रहा। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा को मुख्य चुनौती कांग्रेस से ही मिलने वाली है, यह स्पष्ट है। लेकिन कांग्रेस को अपनी चुनौतियाँ भी कम नहीं जिनसे पार पाए बिना विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता हासिल करना आसान नहीं होगा।
हरियाणा: अब बीजेपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कैसे पार पाएगी?
- हरियाणा
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- 14 Jun, 2024


लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती है। केंद्र में गठबंधन सरकार की मजबूरी झेल रही बीजेपी क्या हरियाणा में सत्ता में वापस आ पाएगी? क्या कांग्रेस राज्य में हालात को अपने पक्ष में कर पाएगी?
संगठन की कमी के कारण कांग्रेस अपनी व्यवस्थाओं को लोकसभा क्षेत्रों में पूरी तरह मज़बूत नहीं कर सकी है, जिसके चलते पार्टी उतनी सफलता हासिल नहीं कर पायी जितना विरोध सत्ताधारी दल का जमीन पर चुनाव से पहले दिखाई दे रहा था। रणनीतिक तौर पर भी चुनाव प्रचार में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में दर्ज बिंदुओं को आमजन तक सघनता से पहुंचाने में कमजोर ही रही। प्रदेश के बड़े नेताओं में वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित करने में प्रदेश अध्यक्ष गंभीरता से हल नहीं कर पाए। कांग्रेस द्वारा नियुक्त प्रदेश प्रभारी भी सभी गुटों में सामंजस्य बनाने में लगभग विफल रहे हैं।

























