देश में पिछले साढ़े तीन महीने यानी क़रीब 100 दिन से डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़े हैं। जबकि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम क़रीब 85 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर क़रीब 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गया है। प्रति बैरल 1 डॉलर से भी कम की बढ़ोतरी होने पर भी डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने वाली भारतीय तेल कंपनियाँ क़रीब 15 डॉलर यानी 18 फ़ीसदी बढ़ोतरी के बाद भी दाम क्यों नहीं बढ़ा रही हैं? आखिर वे नुक़सान क्यों सह रही हैं?