वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया है कि रेपो रेट यानी जिस दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देता है, उसे बैंक दरों से जोड़ दिया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को इसका फ़ायदा मिल सके। इसका मतलब यह है कि रिजर्व बैंक यदि ब्याज कम करेगा तो बैंकों को अपनी ब्याज दर घटानी होगी, ताकि फ़ायदा कर्ज लेने वालों को मिल सके। इससे आम जनता को कम मासिक किश्त यानी ईएमआई चुकाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 70,000 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों को दिए जाएँगे। वह सीधे कंपनियों और आम जनता को मिल सकता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि इससे बैंकों के पास ज़्यादा पैसे होंगे और वे ज़्यादा कर्ज दे सकेंगे। इससे कंपनियों को निवेश में सुविधा होगी।