नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बात के ठोस संकेत दिए हैं कि वह जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। इसे गुपकार गठबंधन के साथ ही महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी के लिए लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बुधवार को हुई एक बैठक में गुपकार गठबंधन में उसके साथ किए गए बर्ताव की निंदा की है और यह मांग की है कि गठबंधन के सहयोगियों को बड़े सुधार करने चाहिए।
अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो विपक्षी वोट बंट जाएंगे और इससे राज्य की सियासी तस्वीर बदल सकती है।

जम्मू-कश्मीर की सियासत में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी एक दूसरे के राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे हैं लेकिन 2019 में धारा 370 के हटने के बाद बदली हुई परिस्थितियों में यह दल साथ आ गए थे और पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन यानी गुपकार गठबंधन का गठन किया था।
इसमें पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के अलावा जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआईएम शामिल थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स इस गठबंधन से अलग हो चुकी है।