राहुल गाँधी के न्यूनतम आमदनी की घोषणा ने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है। उनकी यह घोषणा बहुत गहरी रणनीति की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने अर्थव्यवस्था सरीखा विषय चुना, जिसका असर जितना व्यापक है, उतनी ही व्यापक बीजेपी की वित्तीय विफलता।