सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद के समाधान के लिए चयनित तीन-सदस्यीय मध्यस्थता समिति की पहली बैठक 13 मार्च को अयोध्या में हुई। इसमें क्या हुआ इसकी कोई ख़बर नहीं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक़ मीडिया को मध्यस्थता समिति से दूर रहने के लिए कहा गया है। जो बात लिखी जा सकती है, वह यह कि यह पहली बैठक थी और हिन्दू और मुसलिम दावेदारों ने अपना-अपना पक्ष समिति के सामने रखा होगा।
सभी पक्ष एक क़दम पीछे हटें तो ही सुलझेगा अयोध्या विवाद?
- विचार
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- 21 Mar, 2019

अयोध्य विवाद के निपटारे के लिए बनी मध्यस्थता समिति के सामने दोनों पक्ष समझौते के लिए कितना झुकेंगे यह कहना मुश्किल है, क्योंकि आज भी वे अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं।
यह समझौते की प्रक्रिया की शुरुआत थी। इस महीने के अंत तक समिति के सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के भूतपूर्व न्यायाधीश जस्टिस एफ़. एम्. इब्राहीम कलिफुल्लाह, आर्ट ऑफ़ लिविंग के श्री श्री रविशंकर और मद्रास उच्च न्यायालय के वकील श्रीराम पंचू अयोध्या में फिर इकट्ठा होकर बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाएँगे।