भारत के सबसे पुराने राजनैतिक दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, ने 7 सितम्बर से कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है। देश के 12 राज्यों और दो केन्द्रशासित प्रदेशों से गुजरते हुए यह यात्रा कुल क़रीब 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। भारत जोड़ो यात्रा एक राजनैतिक दल का उपक्रम है परन्तु करीब 200 सामाजिक कार्यकर्ताओं, जिनका चुनावी राजनीति से कोई प्रत्यक्ष लेनादेना नहीं है, ने भी राहुल गाँधी से मुलाकात की और ऐसी सम्भावना है कि वे और उनकी संस्थाएँ इस यात्रा में सक्रिय भागीदारी करेंगे।
भारत जोड़ो यात्रा और भारत का विचार
- विचार
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- 11 Sep, 2022

भारत में यात्राओं ने सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की भूमिकाएँ निभाई हैं। महात्मा गाँधी की दो यात्राओं ने पूरे समाज को बदल डाला था। अब राहुल गांधी की यात्रा के क्या नतीजे निकलेंगे?
जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के मुखिया योगेन्द्र यादव से सामाजिक संस्थाओं ने यात्रा में भागीदारी करने की अपील की है। इस अपील में उन्होंने इस यात्रा की आवश्यकता का अत्यंत सारगर्भित वर्णन किया है। उनके अनुसार:
- इससे पहले हमारे गणतंत्र के मूल्यों पर कभी उतना नृशंस हमला नहीं हुआ, जितना कि पिछले कुछ समय से हो रहा है।
- इससे पहले कभी नफरत, विघटन और बहिष्करण के भाव देश पर उस तरह से नहीं लादे गए जिस तरह से इन दिनों लादे जा रहे हैं।
- इससे पहले कभी हम पर उस तरह से निगाहें नहीं रखी गईं और हमें उस स्तर के प्रचार और दुष्प्रचार का सामना नहीं करना पड़ा, जितना कि अब करना पड़ रहा है।
- इससे पहले हमने कभी ऐसी निष्ठुर सरकार नहीं देखी जिसे अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने और लोगों के हालात की कोई परवाह ही नहीं है और जो केवल अपने कुछ चमचों की सेवा में लगी है।
- इससे पहले कभी वास्तविक राष्ट्रनिर्माताओं – किसानों और श्रमिकों, दलितों और आदिवासियों – को राष्ट्र के भविष्य को आकार देने की प्रक्रिया से उस तरह बाहर नहीं किया गया जिस तरह इन दिनों किया जा रहा है।