सरदार पटेल ने 21 अप्रैल 1947 को दिल्ली के मैटकाफ़ हाउस में अखिल भारतीय सिविल सेवा का उद्घाटन करते हुए इसे ‘स्टील फ़्रेम ऑफ़ इंडिया’ कहा था। यानी सिविल सेवा से एक ऐसे इस्पाती ढाँचे के रूप में काम करने की अपेक्षा की गयी थी जिसकी एकमात्र प्रतिबद्धता संविधान और क़ानून का शासन हो। इसके लिए जाति या धर्म की संकीर्णताओं से मुक्त रहना लाज़िमी था। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को राजनीति से दूर रहना था ताकि सरकारों के आने-जाने से इस ढाँचे पर कोई फ़र्क़ न पड़े।