कोई मीडिया प्रतिष्ठान चीन के साथ सीमा पर वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण सम्बन्धों के दौरान अगर ऐसी ख़बर चला दे कि सैनिकों के बीच सेनाध्यक्ष के निर्णयों के प्रति (कथित तौर पर) ‘विद्रोह’ पनप रहा है तो रक्षा मंत्रालय और सरकार को क्या करना चाहिए? भारतीय सेना के मनोबल को कमज़ोर करने वाली इस तरह की ख़बर के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए या नहीं? अगर की जानी चाहिए तो उसमें आरोपी किसको बनाया जाना चाहिए?