आज 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो गया। मैं इसे उद्घाटन ही कह रहा हूँ क्योंकि तमाम हिंदू धर्म शास्त्रों के जानकार कह रहे हैं कि यह समय किसी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ नहीं है। दरअसल, 25 तारीख़ को पूस माह की पूर्णिमा है। तब तक इस तरह का धार्मिक आयोजन नहीं हो सकता। एक सवाल यह उठता है कि क्या राम मंदिर ट्रस्ट और प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर विचार नहीं किया होगा? क्या उन्होंने धर्माचार्यों से सलाह नहीं ली होगी, उनसे नहीं पूछा होगा? जाहिर तौर पर ऐसा उन्होंने किया होगा। फिर भी अगर 22 जनवरी को ही प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है तो इसका अपना मतलब है और मकसद भी।