‘सामान्य राजनीति’ के लिए पार्थो चटर्जी का विलाप भारत में तथाकथित बुद्धिजीवियों की मूर्खता और बुद्धिहीनता का प्रमाण है। अपने लेख 'किसी भी चीज़ से ज़्यादा मोदी यह जानते हैं कि मौके का  फायदा कैसे उठाया जाए' जो  'wire.in' में प्रकाशित हुआ था, चटर्जी मोदी के शासन में ‘सामान्य राजनीति’ के निलंबन की निंदा करते हुए लिखते हैं, “यह राजनीति ही है जो देश के सार्वजनिक जीवन में शालीनता और करुणा का स्तर सुनिश्चित करती है।’’