सुप्रीम कोर्ट में करीब 20 याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से बहाल किया जाए और उसका पूर्ण राज्य का दर्जा भी लौटाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर चल रही सुनवाई को 16वें दिन वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर संविधान की भावनात्मक बहुसंख्यकवादी व्याख्या नहीं की जाए। हमें बस दोनों तरफ से संविधान को कायम रखना है।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 14वें दिन सुनवाई हुई। इसमें अखिल भारतीय कश्मीरी समाज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरी ने दलीलें दी।
जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से लोकतंत्र की हवा चलने वाली है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वो जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए "समयसीमा" तय करे। अब सवाल उठने लगे हैं कि जम्मू-कश्मीर राज्य कब बनेगा, कब होंगे चुनाव? इसी विषय पर 'शीतल के सवाल' में चर्चा.
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यन्त दवे ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को अनुच्छेद 370 पर अपनी दलीलें दी हैं। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छठे दिन अनुच्छेद 370 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
क्या आपको पता है कि अनुच्छेद 370 में बदलाव किया गया है, इसको ख़त्म नहीं? क्या अनुच्छेद 370 को समाप्त किया जा सकता है? और यदि हाँ तो कैसे? और नहीं तो क्यों?
सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। तो क्या इस पर चौंकाने वाला फ़ैसला आएगा? यदि ऐसा हुआ तो अनुच्छेद 35ए के हटाने की मांग करने वालों को क्या झटका नहीं लगेगा?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में आज 11 जुलाई से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म किए जाने पर सुनवाई होगी। संविधान के इन दोनों आर्टिकल के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे रद्द कर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में 11 जुलाई से आर्टिकल 370 और 35 ए को खत्म किए जाने पर सुनवाई होगी। संविधान के इन दोनों आर्टिकल के जरिए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे रद्द कर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया।