क्या देश में बोलने की आज़ादी पर किसी तरह का अंकुश है? आख़िर अंतरराष्ट्रीय लेखकों ने भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर चिंता क्यों जताई है और राष्ट्रपति मुर्मू का आह्वान किया है?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम में द्रौपदी शब्द उनके घर वालों ने नहीं लगाया था। जानिए पूरी कहानी कि ये नाम उन्हें कैसे मिला। और भी बहुत सी बातें जानिए जो अभी तक आप 15वें राष्ट्रपति के बारे में नहीं जानते।
एनडीए ने जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने का फैसला किया तो पीएम मोदी उन्हें फोन पर सबसे पहले बधाई देना चाहते थे। लेकिन फोन लाइन मिलकर राजी नहीं थी। आगे फिर क्या हुआ, इस खबर में जानिए।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत से क्या यह संदेश जाता है कि भाजपा और संघ ने सामाजिक न्याय का जाप करने वाली पार्टियों को उन्हीं के मैदान में पछाड़ दिया है।
क्या पहली आदिवासी राष्ट्रपति होना ही ऐतिहासिक है या मिसाल पेश किए जाने वाले काम ऐतिहासिक होंगे? क्या आदिवासियों का उद्धार होगा, उनकी आजीविका पर आ रहे संकट का समाधान होगा?
ट्विटर पर नामचीन शख्सियतों के नाम से फ़ेक प्रोफाइल बनाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? अब नयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम से प्रोफाइल बनाने वालों को बीजेपी नेताओं ने ही कैसे प्रमोट कर दिया?
आज़ादी के बाद से ही आदिवासियों की भलाई की चिंता की जाती रही है, लेकिन कितना भला किया जा सका है? क्या आज़ादी के बाद पहली आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने के बाद हालात पहले से बदलेंगे?
जानिए, भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू को। जानिए वह कैसे ओडिशा के एक आदिवासी क्षेत्र से निकलीं और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचीं।