पंजाब में लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग क्यों लड़ रहे हैं जब दोनों दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं? जानिए, अरविंद केजरीवाल ने इस सवाल के जवाब में क्या कहा।
इंडिया गठबंधन से एक के बाद एक राजनीतिक दल क्यों निकलते जा रहे हैं? जानिए, जम्मू कश्मीर में फारुक अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के चुनाव लड़ने को लेकर क्या कहा और उमर अब्दुल्ला ने क्या सफाई दी।
क्या अब जयंत सिंह का बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में जाना तय है? मोदी सरकार द्वारा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने पर जयंत की प्रतिक्रिया के मायने क्या हैं?
संसद के दोनों सदनों में मोदी के भाषण का लब्बोलुआब क्या है? क्या उन्होंने विपक्ष के एजेंडे को छीनने की कोशिश की है? इस कोशिश में वे कितने कामयाब होंगे? विपक्ष मोदी के इस पैंतरे का जवाब किस तरह से देगा? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- श्रवण गर्ग, अनिल त्यागी, पूर्णिमा त्रिपाठी और पीयूष बबेले-
भारतीय विपक्षी गठबंधन से नीतीश कुमार को अलग करने के तुरंत बाद, टीम मोदी यूपी में राष्ट्रीय लोक दल को दूर करने के लिए अपनी रणनीतियाँ आज़माने में लगी हुई है। बताया जाता है कि वे किसी समझौते पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी. क्या वह भी बीजेपी के साथ मिल जाएंगे, यह लाख टके का सवाल है।
Satya Hindi news Bulletin | लाक्षागृह पर हिंदुओं को मिला अधिकार, बागपत में 100 बीघा जमीन का मालिकाना हक | कांग्रेस नेता बोले- INDIA अब वास्तविकता में मौजूद नहीं है
क्या अखिलेश ने यूपी में बीजेपी के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है? उनकी नई सोशल इंजीनियरिंग में कितना दम है? बीजेपी नेतृत्व उसकी काट निकालने के लिए अब क्या करेगा?
क्या इंडिया गठबंधन खुदकशी पर उतारू है? एकजुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ़ लड़ाई क्यों नहीं लड़ रहा? घटक दल सड़कों पर कब उतरेंगे? क्या काँग्रेस राहुल गाँधी के भरोसे है? क्या क्षेत्रीय दल अति आत्मविश्वास के शिकार हैं? क्या मोदी के हमलों के सामने वह लाचार हो गया है?
बीजेपी ने राम मंदिर का पूरा राजनीतिक लाभ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, ऐसे में विपक्ष के लिए 2024 के लिए चुनौती स्पष्ट रूप से और भी कठिन हो गई है। क्या सपा, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त ताकत मुकाबला कर पाएगी? 'हिंदू सम्राट' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की ताकत के खिलाफ?
जिस नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई और जिन्होंने सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया, उन्होंने ही आख़िर गठबंधन से हाथ क्यों खींच लिया? जानिए, जेडीयू ने क्या कहा।
नीतीश कुमार बेशक भाजपा कैंप में लौट जाएं, लेकिन कांग्रेस, टीएमसी, सपा और आरजेडी ने उन्हें इस मुद्दे पर फंसा दिया है कि इंडिया को कौन तोड़ रहा है या उससे भाग रहा है। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार को खुद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने फोन किया लेकिन नीतीश को व्यस्त बताया गया। दूसरी तरफ अखिलेश ने गठबंधन की घोषणा कर नीतीश को ही संकेत दे दिया। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी शुरू से ही नीतीश को इंडिया का संयोजक बनाने के खिलाफ रही है। 2024 की विपक्षी एकता तोड़ने के लिए नीतीश को ही जिम्मेदार माना जाएगा।
Satya Hindi news Bulletin | तेजस्वी यादव के बिना राजभवन जाने पर नीतीश क्या बोले? | बीजेपी के साथ नीतीश का शपथ ग्रहण 'तय', सुशील मोदी होंगे डिप्टी सीएम: रिपोर्ट
नीतीश-लालू का अलग होना तय, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए फायदे का सौदा है, जिनके लिए भारत का विपक्षी गठबंधन आंखों की किरकिरी बना हुआ था।
अब बिहार की राजनीति क्या रूप लेती है, यह देखना काफी दिलचस्प होगा। लेकिन क्या नीतीश कुमार को फायदा होगा या नुकसान, यह तो समय ही बताएगा।
टीएमसी ने एक दिन पहले ही कहा था कि बंगाल में गठबंधन के सफल न होने के लिए अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार हैं, और आज फिर से अधीर रंजन ने टीएमसी पर निशाना साधा है।