भारतीय सीमा का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना ने खदेड़ दिया मगर इस घटना का होना क्या बताता है? क्या बातचीत का सिलसिला सिरे नहीं चढ़ रहा है और क्या भारत सरकार को कुछ और करने की ज़रूरत है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष, आलोक जोशी और मयंक सिंह से मुकेश कुमार की बातचीत।Satya Hindi
चीन की इस हरकत से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनाव का तापमान काफी बढ़ गया है। इसी के मद्देनजर भारतीय सेना ने लेह-श्रीनगर राजमार्ग को आम आवाजाही के लिए रोक दिया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। लद्दाख: चीन में एक बार फिर भारत-चीन के सैनिकों में झड़प।अवमानना केस: SC ने प्रशांत भूषण पर 1 रु का जुर्माना लगाया
चीन को पूर्वी लद्दाख के सीमांत भारतीय इलाक़े से पीछे जाने के लिये मजबूर करने के इरादे से सैन्य विकल्प के इस्तेमाल की सम्भावनाओं को लेकर भारत के प्रधान सेनापति जनरल बिपिन रावत के बयान का सामरिक हलकों में गहन विश्लेषण शुरू हो गया है।
चीन और भारत सीमा पर तैनात रह चुके कर्नल सुमित सेन (रिटायर्ड ) बता रहे हैं कि लद्दाख़ में चीन के इरादे क्या हैं। क्या वो स्थायी रूप से क़ब्ज़ा के लिए पैंगोंग इलाक़े में आया है।
लद्दाख में बीजेपी के पूर्व प्रमुख और जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री रह चुके शेरिंग दोर्जे का साफ़ मानना है कि चीन सीना न केवल भारतीय ज़मीन पर काबिज है, वह नहीं लौटने वाली है।
गुरुवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के डब्ल्यूएमसीसी की चौथे दौर की बातचीत में चीन अपने सैनिकों को पाँच मई से पहले की यथास्थिति बहाल करने पर सहमति देगा, इसकी उम्मीद कम ही है।