न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अगले सप्ताह दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की संभावना ज़्यादा है। पिछले हफ्ते, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की थी कि वह शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।
चीन अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदल दिए हैं। इस पर भारत ने उसकी इस हरकत को खारिज कर दिया है। चीन लगातार किसी न किसी मोर्चे पर भारत के खिलाफ कोई न कोई हरकत करता रहता है। हालांकि बीच-बीच में बातचीत की खबरें भी आती हैं।
भारत-चीन ने बुधवार को फिर बातचीत की। भारत ने अपना दूत बीजिंग भेजा था। दोनों ओर से बयान भी जारी हुए। लद्दाख बॉर्डर पर बने गतिरोध को लेकर कोई सफलता नहीं मिली। अलबत्ता दोनों पक्ष 18वें दौर की सैन्य बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं।
पूर्वी लद्दाख इलाके में करीब 26 प्वाइंट्स पर भारत गश्त नहीं कर पा रहा है। यह तथ्य कैसे सामने आया, इसका खुलासा आज द हिन्दू अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पीएम मोदी पर इस मुद्दे पर हमला किया है।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिमाचल के तवांग में झड़प के कुछ हफ्ते बाद चीन के विदेश मंत्री का बयान आया है। जानिए उन्होंने भारत और चीन के रिश्तों के बारे में क्या कहा।
शी जिनपिंग का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अधिवेशन में फिर से सर्वोच्च नेता चुना जाना महज़ एक औपचारिकता है। तो क्या वह ज़्यादा ताक़तवर नेता बनकर उभरेंगे? इसका भारत के लिए क्या मायने है?
क्या भारत की सख़्ती के बाद अब चीन ने भारतीय छात्रों को पढ़ने के लिए चीन में लौटने को मंजूरी दी है? जानिए, भारत ने चीनी रवैये के ख़िलाफ़ क्या क़दम उठाया था।
भारत ने चीनी नागरिकों के पर्यटन वीजा को निलंबित करने जैसा क़दम क्यों उठाया? क्या यह इसलिए है कि चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की समस्या नहीं सुनी जा रही है?
गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं। देखना होगा कि चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे के बाद क्या दोनों के रिश्ते फिर से बेहतर होते हैं।
भारत ने बहुत साफ शब्दों में चीन को चेतावनी दी है। भारत ने कहा कि अगर सीमा पर शांति बहाल नहीं होती है तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पहले जैसे नहीं रहेंगे।
चीन भारत के साथ जिस तरह पेश आ रहा है, वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुली गुंडागर्दी है। उसने काफी वर्षों से हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है और अब पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाले को मशालची बनाकर भेज रखा है। पूरा लेख पढ़िए।
गलवान संघर्ष में पकड़े गए चीनी सैनिक को पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में मशालची बनाने का भारत ने विरोध किया है। भारत ने आज कहा कि वो अपने दूत को उद्घाटन समारोह में नहीं भेजेगा।
भारत-चीन संबंधों में जो थोड़ा बहुत सुधार हुआ है क्या वह चीन का दिखावा मात्र है? अरुणाचल प्रदेश में नियंत्रण रेखा के पास बड़ी संख्या में चीनी सैनिक क्यों आए? जानिए क्या हुआ झड़प में।