संसद के विशेष सत्र में बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एससी,एसटी, ओबीसी सबकोटे के साथ जाति जनगणना करवा कर इसे लागू करने की मांग करती है।
संसद में बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर तीखी बहस होने की संभावना है, क्योंकि इसके कुछ प्रावधान विपक्ष को रास नहीं आए। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी बहस की शुरुआत कर सकती हैं।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर संसद के विशेष सत्र को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के पत्र का बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्वाद जोशी ने जवाब दिया था। लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों के साथ वापस जवाब दिया है।
संसद के विशेष सत्र मामले में केंद्र सरकार और विपक्ष की तकरार बढ़ती जा रही है। संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जवाब बुधवार शाम को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिया है।
मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में आख़िर किन मुद्दों पर बहस होगी? यदि मुद्दे तय नहीं हैं तो क्या आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बहस होगी? जानिए सोनिया गांधी ने क्या लिखा।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राहुल ने मां सोनिया गांधी से क्यों कहा- मैं आपको पीएम नहीं बनने दूंगा । मुहर्रम जुलूस के रास्ते यात्रा निकालने की ज़िद पर अड़े कांवड़ियों पर एक्शन लेने वाले SHO सस्पेंड
जानी मानी पत्रकार नीरजा चौधरी की अगले हफ्ते आने वाली किताब हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड में कई महत्वपूर्ण और रोचक राजनीतिक रहस्योद्घाटन किए गए हैं। यह किताब जरूर पढ़ी जानी चाहिए। किताब के कुछ अंशों को आज इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित किया है।
विपक्ष की अगली एकता बैठक बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होगी। कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया है। इस बैठक में 24 पार्टियां हिस्सा ले सकती हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का फॉर्मूला बेशक काम आया लेकिन डीके शिवकुमार दरअसल कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी के हस्तक्षेप पर ही माने। बुधवार देर रात सोनिया गांधी ने डीके को फोन किया और उनसे खड़गे के प्रस्ताव को स्वीकार करने को कहा।
कर्नाटक में भाजपा की हार को एक बौद्धिक तबका पचा नहीं पा रहा है और वो तमाम तरह के तर्कों से जवाब देने की कोशिश कर रहा है। लेखक और स्तंभकार अपूर्वानंद ने ऐसे ही बौद्धिकों की चुटीले अंदाज में खबर ली है। पढ़िएः