loader

छापेमारी पर सपा बोली- जनता सब देख रही है, वोट से देगी जवाब

कन्नौज के इत्र कारोबारी और सपा एमएलसी पुष्पराज जैन के घर-दफ्तरों पर आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर समाजवादी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सपा से जुड़े हुए लोगों के ऊपर छापे पड़ रहे हैं और दिल्ली से जब भी भारतीय जनता पार्टी का यूपी में कार्यक्रम होता है लगता है कि अपने साथ में इन विभागों को भी बुला लेते हैं।

उन्होंने कहा कि कन्नौज की अपनी पहचान इत्र की रही है, कन्नौज इत्र की राजधानी है, यह सुगंध की राजधानी है। अखिलेश यादव ने फिर से साफ किया कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन का सपा से कोई संबंध नहीं है।

सपा ने कहा है कि पिछली बार की अपार विफलता के बाद इस बार बीजेपी की परम सहयोगी आयकर विभाग ने सपा एमएलसी पुष्प राज जैन और कन्नौज के अन्य इत्र व्यापारियों के यहां पर आखिर छापे मार ही दिए हैं।

आयकर विभाग ने पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन के मुंबई, दिल्ली सहित कई ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की है। सपा ने कहा है कि डरी हुई बीजेपी द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग, यूपी चुनावों में आम है।

पुष्पराज वही शख्स हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाथों समाजवादी परफ्यूम लांच कराया था। पुष्पराज जैन इत्र के बड़े कारोबारी हैं और उनका अच्छा खासा कारोबार है।

ताज़ा ख़बरें

पुष्पराज जैन के अलावा कन्नौज के ही एक और इत्र कारोबारी मोहम्मद याकूब के घर और दफ्तर में भी छापेमारी हो रही है। देखना होगा कि पुष्पराज जैन और मोहम्मद याकूब के घर-दफ्तरों पर छापेमारी से आयकर विभाग की टीम को क्या मिलता है।

कुछ दिन पहले कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के वहां हुई छापेमारी को लेकर सपा और बीजेपी में जोरदार सियासी संग्राम चला। लेकिन अब सीधे सपा एमएलसी के घर और दफ़्तरों पर छापेमारी के बाद यह सियासी संग्राम और तेज हो सकता है।

उत्तर प्रदेश से और खबरें

इससे पहले इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जीएसटी की इंटेलिजेंस टीम ने गिरफ्तार किया था। जैन के वहां से 257 करोड़ से ज्यादा की नकद धनराशि मिली थी जिसे गिनने के लिए मशीन तक लगानी पड़ी थी। नोट गिनने के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर खासे वायरल हुए हैं। 

बीजेपी ने पीयूष जैन का संबंध सपा से जोड़ने की कोशिश की थी लेकिन सपा ने सोशल मीडिया पर तमाम सुबूत देकर कहा था कि पीयूष जैन सपा से नहीं बल्कि बीजेपी से जुड़े थे और उसे चंदा देते थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें