हाथरस कांड पर मचे बवाल, आजमगढ़, बुलंदशहर और बलरामपुर में बलात्कार व हत्या जैसी घटनाओं के बाद सवालों के घेरे में आयी योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए फिलहाल कानून व्यवस्था से भी ऊपर कथित रूप से उसकी छवि बिगाड़ने की साजिश करने वालों की पड़ताल करना अहम हो चुका है। जबकि बीते पांच दिनों में खुद सत्तारुढ़ बीजेपी के दर्जन भर बड़े राष्ट्रीय नेता, पदाधिकारी, सांसद व विधायक हाथरस कांड को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
रेप, अपराध रोकने के बजाए छवि बिगाड़ने की साजिश की बात क्यों कर रहे योगी?
- उत्तर प्रदेश
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- 5 Oct, 2020


सरकारी तंत्र का दावा है कि बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुसलिम देशों और इसलामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था। हालांकि पैसा आने का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है।
बीते दो दिनों से योगी सरकार के कर्ता-धर्ता पत्रकारों के बीच एक मैसेज भेज रहे हैं जिसमें कहा गया है कि हाथरस में विपक्ष, कुछ पत्रकारों व नागरिकता कानून विरोधी आंदोलन से जुड़े संगठनों के साथ कुछ सामाजिक संगठन योगी सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे और इनके ख़िलाफ़ कारवाई की जा रही है।
























