कर्नाटक में भाजपा की हार और 2024 आम चुनाव के मद्देनजर ऑर्गनाइजर में प्रकाशित लेख का विश्लेषण अभी भी जारी है। ऑर्गनाइजर को आरएसएस से जुड़ा अखबार माना जाता है और इनमें प्रकाशित लेख संघ की नीतियों को प्रदर्शित करते हैं। स्तंभकार पंकज श्रीवास्तव ने भी इसका विश्लेषण किया है। पढ़िएः
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद पीएम मोदी अमेरिका जाने वाले हैं। राहुल ने जिस तरह विदेश की धरती पर नरेंद्र मोदी के कृत्रिम आभामंडल को तहसनहस किया है, उससे भाजपाई बड़े तिलमिलाए हुए हैं। वो राहुल के विदेश में दिए गए भाषणों पर सवाल कर रहे हैं लेकिन अपने गिरेबान में झांकने को तैयार नहीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिकी दौरे पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में अमेरिकी दौरे पर होंगे। जानिए, विदेशों में जाकर कौन किस पर भारी पड़ता है और क्या है वजह?
कर्नाटक चुनाव में मिली हार और आने वाले कुछ विधानसभा और 2024 के आम चुनाव को लेकर आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में प्रफुल्ल केतकर का एक लेख प्रकाशित हुआ है। आप उसे पढ़कर तमाम निहितार्थ निकाल सकते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आम चुनाव 2024 के लिए विचारधारा का विकल्प पेश कर दिया है। यानी मतदाता या भारत के लोग किस विचारधारा को चुनें- एक तरफ गोडसे की विचारधारा है तो दूसरी तरफ गांधी को मानने वाले सिपाही हैं। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बता रहे हैं कि राहुल ने कैसे इस लड़ाई को बदल दिया हैः
विपक्षी एकता को लेकर पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की होने वाली बैठक को आगे टाल दिया गया है। लेकिन सवाल है कि क्या यह बैठक इस महीने हो पाएगी? जानें यह महीना बिहार के लिए ख़ास क्यों।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ये 'सेल्फ़ रिस्पेक्ट' क्या मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुँचने देगा या फिर ये पद 'सेल्फ़ रिस्पेक्ट' का सबसे बड़ा दुश्मन साबित होगा?
हिंदू राष्ट्र का सपना देखने वाले सावरकर की जयंती पर सत्ता के कथित हस्तांतरण के प्रतीक ‘सेंगोल’ की प्राण-प्रतिष्ठा संविधानसम्मत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर अब संदेह पैदा कर रहा है।...वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग कह रहे हैं कि पुरानी संसद आज भी वास्तविक सत्ता हस्तांतरण और इतिहास की गवाह है, इसलिए इतिहास को सुरक्षित रखने के लिए पीएम मोदी विपक्ष को वो बिल्डिंग सौंप सकते हैं।
सेंगोल को राजदंड के रूप में नये संसद भवन में स्थापित करने के लिए बीजेपी की ओर से क्या-क्या दावा किया गया, लेकिन ये दावे कितने सच हैं? जानिए, आख़िर नेहरू को निशाने पर क्यों लिया गया।
मोदी सरकार की एक मंत्री मीनाक्षी लेखी महिला पहलवानों से जुड़े पत्रकारों के सवाल को टालते हुए बचकर भागने लगीं। यह वीडियो वायरल है। पत्रकार प्रेम कुमार ने इसी मुद्दे के जरिए अपनी बात कही है।
नए संसद भवन में स्थापित किए जा रहे सेंगोल को लेकर देश में मीडिया का एक खास वर्ग ऐसा प्रस्तुत कर रहा है जैसे कोई बहुत बड़ा खजाना हाथ लग गया हो। लेकिन जो सत्य सामने आ रहा है, उससे सेंगोल की कहानी कुछ और है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने भी इस पर काफी कुछ तलाश किया हैः
क्या देश के मुद्दों पर बहस करना और देश के प्रधानमंत्री की जवाबदेही तय करना संसद का असली काम नहीं है? लेकिन क्या संसद अब यह सुनिश्चित कर रही है कि बहुमत की सरकार तानाशाह न बने, अल्पमत को न कुचले?
नरेंद्र मोदी ने 9 साल पहले 2014 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। तब उन्होंने देशवासियों को जो सपने दिखाए थे, वे कितने पूरे हुए? क्या वह 9 साल पहले वाले ही मोदी रह गए हैं?
सत्ताररूढ़ पार्टी विपक्ष के बहिष्कार को गलत बता रही है। विपक्ष कह रहा है कि उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति का न होना गलत है, इसी मुद्दे पर पत्रकार प्रेम कुमार का नजरियाः
हमारे समय के कलाकार क्या कर रहे हैं? क्या वे झूठी प्रेरणाओं पर अपने चित्र बना रहे हैं? ‘मन की बात’ की सौ क़िस्तें पूरी होने पर चित्र बनाना क्या उनकी अंत:प्रेरणा का नतीजा है?