भारतीय सेनाओं के कई हथियार सौदों की तरह क़ीमतों को लेकर विवादों में फंसने वाले रफ़ाल लड़ाकू विमान को आसमानी लड़ाई में गेम चेंजर यानी खेल का पासा पलटने वाला कहा गया है। वायुसेना के स्क्वाड्रनों की तेजी से गिरती क्षमता के बीच रफ़ाल विमानों को भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता के नजरिये से नया भरोसा पैदा करने और राहत देने वाला बताया जा रहा है। लेकिन केवल 36 रफ़ाल विमानों के सितंबर, 2022 तक शामिल होने की योजना से ही भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हासिल नहीं की जा सकेगी। फ़्रांस में बने पहले रफ़ाल विमान को विजयादशमी के दिन लेने ख़ुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस पहुंचे और ऐसा करके सरकार ने इसकी सामरिक अहमियत जताने की कोशिश की है लेकिन इससे भारतीय वायुसेना की चिंताएं दूर नहीं होंगी।