मुसलिम महिलाओं को तीन तलाक़ से मुक्ति दिलाने और जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने में मोदी सरकार को मिली सफलता के बाद एनडीए के घटक दलों ने देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने की माँग शुरू कर दी है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे द्वारा समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर ज़ोर दिए जाने के बाद पार्टी के मुखपत्र में इस बारे में प्रकाशित संपादकीय इस संभावना को बल प्रदान करता है। बीजेपी ख़ुद अर्से से इसकी माँग करती रही है। तो क्या अब समान नागरिक संहिता की बारी है?