संवेदनहीनता किसी भी समाज की बेहतर अवस्था नहीं है, ख़ासतौर पर ऐसे माहौल में जब किसी की जान चली गई हो। पुरुष हो या महिला या फिर किसी अन्य समुदाय से संबंधित कोई व्यक्ति, सभी के लिए जीवन, सबसे महत्वपूर्ण बात है और इसे किसी भी हालत में संरक्षित रखना ही चाहिए। आगरा में टीसीएस कंपनी में रिक्रूटमेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति ने फाँसी लगाकर जान दे दी। फाँसी लगाने से पहले उसने इसका वीडियो भी बनाया और अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया।
भारत में महिलाओं के साथ संस्थानिक अन्याय हो रहा है, ज़िम्मेदार कौन
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025


महिलाएं तमाम तरह की यातनाएँ सहन कर रही हैं। पुरुषों की यौन कुंठा का शिकार हो रही हैं। तमाम भाषणों, वादों और महिला दिवस पर शुभकामनाओं के बीच यह जानने की जरूरत है कि दरअसल महिलाओं के साथ तमाम संस्थाएं भी किस तरह अन्याय कर रही हैं। स्तंभकार वंदिता मिश्रा की टिप्पणीः

























