बीजेपी और कांग्रेस ने कर्नाटक में पार्टी के बड़े नेताओं को 224 में से 150 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। इससे साफ है कि राज्य में इस बार जोरदार चुनावी मुक़ाबला देखने को मिलेगा।
कर्नाटक में पहले हिजाब का विवाद उठा, फिर धार्मिक उत्सवों में मुसलिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाया गया और अब हलाल मांस पर विवाद है। चुनाव से पहले ऐसे विवाद क्यों?
एक वक्त में टीपू सुल्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले बीजेपी के नेता अब उसकी मुखालफत पर क्यों उतर आए हैं, इसका जवाब बीजेपी के नेताओं को ही देना चाहिए।
उडुपी और शिवामोगा के मंदिरों में होने वाले त्योहारों में वीएचपी, हिंदू जागरण वेदिके, बजरंग दल और श्री राम सेना ने मुसलिम दुकानदारों को दुकान न लगाने की देने की मांग की थी।
कर्नाटक में एक के बाद एक मुसलिमों को लेकर विवाद क्यों हो रहा है? क्यों हिजाब विवाद और धार्मिक उत्सवों में मुसलिम व्यापारियों पर प्रतिबंध के मामले आए? क्या धर्म की राजनीति की जा रही है?
कर्नाटक में क्या मुसलिमों से जुड़ा एक और विवाद खड़ा करने की तैयारी है? जानिए हिजाब विवाद और धार्मिक मेलों में मुसलिम व्यापारियों पर प्रतिबंध के बाद मदरसों को लेकर बीजेपी विधायक ने क्या कहा।
क्या व्यापार या दुकानदारी भी अब धर्म के आधार पर तय होगा? जानिए, मंदिरों द्वारा मुसलिम दुकानदारों पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया और किस आधार पर कर्नाटक सरकार इसको सही ठहरा रही है।
उडुपी जिले में स्थित होसा मारगुडी मंदिर में हर साल यह उत्सव होता है और इसमें बड़ी संख्या में मुसलिम भी अपनी दुकान लगाते रहे हैं। लेकिन इस बार उन्हें दुकान नहीं लगाने दी जा रही हैं।