यह सही है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी और उग्र राष्ट्रवाद के नाम पर भारत के ख़िलाफ़ आग उगलने वाले अनुरा दिसानायके के जीतने की संभावनाएं साफ होने के साथ ही भारत सरकार ने उन्हें दिल्ली आने का न्यौता दिया था और तब विदेश मंत्री जयशंकर समेत कई प्रमुख लोगों के साथ उनकी बातचीत हुई थी। लेकिन इसी बातचीत से उनके तेवर बदले और चुनाव में उन्होंने जनता विमुक्ति पेरामुना वाले पुराने तेवर बदले और कुछ नई बातें कहीं, यह दावा नहीं किया जा सकता।
नेपाल से लेकर श्रीलंका तक हमारी विदेश नीति पर गंभीर सवाल!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

भारत की विदेश नीति किस दिशा में जा रही है? भारत के पड़ोसी देशों से ही रिश्ते बिगड़े हैं या बने हैं? आख़िर एक एक कर पड़ोसी दूर जाते क्यों दिख रहे हैं?
भारत ने श्रीलंका के सबसे भीषण आर्थिक संकट के समय 2020 में जो आर्थिक मदद दी थी उससे श्रीलंकाई लोगों के बीच भारत का गुडविल काफी अच्छा है। और फिर भारत ने चीन की तरह श्रीलंका को मदद के नाम पर उसका कोई सैनिक बंदरगाह नहीं हथियाया। लेकिन अनुरा ने चीन समर्थन और भारत के सहयोग से चलाने वाली योजनाओं और संधियों का विरोध जारी रखा। अभी भी अडानी समूह वहां एक विशाल सोलर पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। अनुरा के आने से उस पर संकट के बादल न भी लटके हों पर कई तरह के संशय तो पैदा हो ही गए हैं। अनुरा इस बिजली परियोजना की संधि को रद्द करने की बात करते रहे हैं।