जब हर तरफ़ राष्ट्रवाद का शोर है, राष्ट्रगान गाने पर ज़ोर है, तब रवींद्रनाथ टैगोर को याद करने का एक ख़ास मतलब है। टैगोर संभवतः दुनिया के अकेले कवि हैं जिनकी रचनाओं को दो-दो देशों ने अपने राष्ट्रगान की तरह अपनाया। भारत के अलावा बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी उनकी ही रचना है। यही नहीं, श्रीलंका का राष्ट्रगान भी जिस आनंद समरकून ने लिखा, वे टैगोर के शिष्य थे- उन्होंने विश्व भारती से पढ़ाई की थी।
राष्ट्रगान लिखने वाले टैगोर राष्ट्रवाद के विरुद्ध थे?
- विचार
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- 8 May, 2022

भारत में हाल में राष्ट्रवाद पर इतना ज़ोर क्यों दिया जा रहा है? राष्ट्रवाद कितना अहम है और इसके नाम पर दुनिया भर में कैसे-कैसे घटनाक्रम घटे हैं? पढ़िए, राष्ट्रगान लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर का क्या मानना था।
कई लोगों का मानना है कि जिस गीत को श्रीलंका का राष्ट्रगान बनाया गया है, उसका संगीत टैगोर ने ही तैयार किया था।