पाकिस्तान के निर्माण के बाद मोहम्मद अली जिन्ना का पहला भाषण देखिए। वह पाकिस्तान को ऐसा मुल्क बनाना चाहते थे जिसमें धर्म के आधार पर किसी नागरिक से भेदभाव न हो, वे अतीत की कटुता को छोड़ कर समानता और सहिष्णुता के आधार पर आगे बढ़ने की वकालत कर रहे थे।
रामलला, अब वे नई स्मृति बना रहे हैं!
- विचार
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- 1 Feb, 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राम विवाद नहीं, समाधान का नाम है। क्या अपने इस कथन पर अमल करते हुए वे अपनी राजनीति भी बदलेंगे या उनकी पार्टी और उनके परिवार के लिए अयोध्या की झांकी के बाद मथुरा-काशी बाक़ी है?
लेकिन क्या हुआ? पाकिस्तान ने सबसे पहले अपने क़ायदे आज़म के क़ायदों से पीछा छुड़ाया। इसलिए कि पाकिस्तान की मांग करते हुए, भारत में मुस्लिम सांप्रदायिकता की राजनीति को हवा देते हुए जिन्ना ने जिन शक्तियों का आह्वान किया था, उनका किसी प्रेम और सहिष्णुता से लेना-देना नहीं था। वे शक्तियां एक मुस्लिम राष्ट्र बना लेने की अपनी कामयाबी पर ख़ुश थीं और पाकिस्तान के लिए अलग तरह के सपने देख रही थीं।