राहुल गाँधी केवल सवाल पूछते हैं! प्रधानमंत्री से, बीजेपी से; पर अपनी ही पार्टी के लोगों के द्वारा खड़े किए जाने वाले प्रश्नों के जवाब नहीं देते। राहुल न तो कांग्रेस के अब अध्यक्ष हैं और न ही संसद में कांग्रेस दल के नेता। वह इसके बावजूद भी सवाल पूछते रहते हैं और प्रधानमंत्री से उत्तर की माँग भी करते रहते हैं। कई बार तो वह पार्टी में ही अपने स्वयं के द्वारा खड़े किए जाने वाले सवालों के जवाब भी नहीं देते और उन्हें अधर में ही लटकता हुआ छोड़ देते हैं। मसलन, लोकसभा चुनावों में पार्टी के सफ़ाये के लिए उन्होंने नाम लेकर जिन प्रमुख नेताओं के पुत्र-मोह को दोष दिया था उनमें एक राजस्थान के और दूसरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। क्या हुआ उसके बाद? अशोक गहलोत भी बने रहे और कमलनाथ भी। जो पहले चले गए वह ज्योतिरादित्य सिंधिया थे और अब जो लगभग जा ही चुके हैं वह सचिन पायलट हैं।
सचिन पायलट का विद्रोह तो वास्तव में राहुल के ख़िलाफ़ है!
- विचार
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- 15 Jul, 2020


कई लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसे समय जबकि कांग्रेस पार्टी चारों तरफ़ से घोर संकट में है, क्या सचिन पायलट इस तरह से विद्रोह करके उसे और कमज़ोर नहीं कर रहे हैं? इसका जवाब निश्चित ही एक बड़ी ‘हाँ’ में ही होना चाहिए पर साथ में यह जोड़ते हुए कि इस नए धक्के के बाद अगर पार्टी नेतृत्व जाग जाता है तो उसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए।




























