ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में चले जाने के बाद ‘वेंटीलेटर’ पर आयी कमलनाथ सरकार और कितने वक़्त ‘सर्वाइव’ कर पायेगी, आज दोपहर तक साफ़ हो जाएगा। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और इस पर फ़ैसला आने की संभावना है। सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफ़ों के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन दो बार मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दे चुके हैं।
आज सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से तय होगा, कब तक रहेगी कमलनाथ सरकार!
- मध्य प्रदेश
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- 18 Mar, 2020


ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में चले जाने के बाद ‘वेंटीलेटर’ पर आयी कमलनाथ सरकार और कितने वक़्त ‘सर्वाइव’ कर पायेगी, आज दोपहर तक साफ़ हो जाएगा।
कमलनाथ सरकार ने बचने के लिए कोरोना वायरस को ढाल बना लिया है। विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू हुआ है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के ठीक बाद 16 मार्च को ही फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश कमलनाथ सरकार को दिए थे। विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने राज्यपाल के निर्देशों को नहीं माना। उन्होंने सरकार के अनुरोध पर कोरोना महामारी के मद्देनज़र विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
स्पीकर और सरकार के रूख़ से राज्यपाल खासे नाराज़ हैं। वह पिछले चार दिनों से सरकार से खतो-खिताबत कर रहे हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए लिखी गई पहली चिट्ठी राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिवालय को भी भेजी थी। खतों की ‘शृंखलाओं’ के बीच मुख्यमंत्री भी राज्यपाल के खतों का सिलसिलेवार ‘जवाब’ दे रहे हैं।




























