आरएसएस के तीन प्रमुख नेताओं ने मुस्लिम लीडरशिप के साथ फिर बैठक की है। संघ मुसलमान नेताओं से संपर्क की कोशिश में रहता है लेकिन अगले दिन डीएनए को लेकर बहस छेड़ देता है। कौन लोग हैं जो बातचीत कर रहे हैं और क्या उससे दोनों समुदायों के बीच कोई पुल बनेगा।
यूपी के बरेली में एक परिवार पर सिर्फ इसलिए हमला किया गया कि उनके हिन्दू दोस्त घर आते थे। पड़ोसियों को इस पर एतराज था। उन्होंने हमला किया। बेटे को बचाने आए बुजुर्ग पिता इस बीच-बचाव में कथित तौर पर मारे गए। हालांकि बरेली पुलिस ने इसे अपराध की सामान्य घटना माना है। जानिए पूरी घटनाः
किसी समाज या देश में नफ़रत की क्या ज़रूरत है? क्या बिना किसी वजह के नफरत घोली जा सकती है? जानिए हिंदू मुसलिम के बीच अंग्रेजों ने कैसे जहर घोला था और गांधी जी ने इससे कैसे लड़ाई लड़ी।
रामनवमी के दौरान कई जगहों पर हुई हिंसा के साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द्र, प्रेम, भाईचारे के उदाहरण भी देखने को मिले जिसमें हिंदू और मुसलमान एक साथ खड़े दिखाई दिए।
महात्मा गांधी ने हमेशा हिंदू-मुसलिम एकता की वकालत की। इसी वजह से उनको अपनी जान गँवानी पड़ी। लेकिन गांधी के सपने को क्या सांप्रदायिक नफ़रत से तोड़ने की कोशिश की जा रही है? द कश्मीर फाइल्स फिल्म को कैसे देखा जाएगा?
हिन्दू मुसलिम सद्भाव का कैसा इतिहास रहा है, इस पर पिछली कड़ी में आपने पढ़ा कि क्या वेदों में हजरत मुहम्मद के आने की भविष्यवाणी है? इस कड़ी में पढ़िए कि क्या क़ुरआन में सनातन धर्म का ज़िक्र है?
हिन्दू मुसलिम विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है और नफ़रत क्यों फैलाई जा रही है? क्या यह सच नहीं है कि हम सब एक ही ईश्वर के मानने वाले हैं और हमारे पूर्वज एक ही थे? क्या ऐसा विवाद कभी था? जानिए इस पर तीसरी कड़ी में दोनों धर्मों के बीच कितनी नज़दीकी रही है।
देश में नफ़रतें फैलाई जा रही हैं और धर्म के नाम पर तनाव फैला कर राजनीतिक लाभ उठाया जा रहा है। ऐसे में, हम सब का कर्तव्य है कि हिन्दू मुसलिम तनाव पैदा करने की कोशिश को नाकाम करें और वह सच सामने पेश करें जिससे दोनों वर्गों के बीच की दूरियाँ कम हों। पेश है इस पर दूसरी कड़ी।
क्या हिंदू और मुसलमान सभी पहले एक ही ईश्वर के मानते थे और क्या सभी के पूर्वज एक ही थे? यदि ऐसा है तो आख़िर हिंदू-मुसलिम के बीच ऐसा फर्क क्यों आया? क्या नफ़रत भी उसी का नतीजा है?
मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में किसान आंदोलन का जो रूप दिखाई दिया है वह क्या हिंदुत्ववादियों द्वारा बहुसंख्यक हिंदुओं की आँखों पर चढ़ाया गया हिंदुत्व के चश्मे को उतार फेंकेगा?
पंजाब के ज़िला लुधियाना में मुसलिम परिवार ने हिंदू लड़की के अभिभावकों की भूमिका निभाते हुए उसका कन्यादान किया और हिंदू रीति-रिवाज़ों के मुताबिक़ विवाह की तमाम रस्में पूरी कीं।
हिंदू की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई और बेटे ने कथित रूप से उनकी चिता को आग देने से इनकार कर दिया। स्थानीय संगठन से जुड़े मुसलिम युवकों ने अंतिम संस्कार किया और चिता को आग भी दी।
60 साल के एक हिंदू व्यक्ति की मौत हो गई। कोरोना के ख़ौफ़ से अपना भाई और भतीजे भी नहीं आए। लॉकडाउन की वजह से कोई रिश्तेदार भी नहीं आ सका। तब 10 मुसलिम युवा आगे आए और उनका अंतिम संस्कार कराने में मदद की।