ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में अब शोपीस बनकर रह गए हैं। यह बताता है कि भाजपा ने सिंधिया परिवार का इस्तेमाल किस तरह कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कमजोर करने के लिए किया और अब वही सिंधिया भाजपा के लिए बोझ बनते जा रहे हैं। सिंधिया का राजनीतिक भविष्य भाजपा में धूमिल नजर आ रहा है।
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की नैया डावांडोल हो रही है। उनके तमाम वफादार कांग्रेस में लौट रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से, सिंधिया खेमे और भाजपा के पुराने नेताओं के बीच तनाव बढ़ रहा है; समंदर पटेल इस्तीफा देने वाले केंद्रीय मंत्री के तीसरे सहयोगी हैं।
चुनाव आयोग ने अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए तारीख़ों का ऐलान भी नहीं किया है और बीजेपी ने दो राज्यों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। जानिए, बीजेपी ने ऐसा क्यों किया।
मध्य प्रदेश में क्या कांग्रेस ने एक बार फिर से बीजेपी को हमले का मौक़ा दे दिया है? जानिए रानी लक्ष्मीबाई, इंदिरा-प्रियंका का DNA एक बताने पर बीजेपी क्यों कर रही है हमला।
मध्य प्रदेश भाजपा से नेताओं के कांंग्रेस में जाने का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी अब खुद 27 जून से अपना दौरा शुरू कर रहे हैं। एक तरह से एमपी चुनाव की कमान पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संभालने जा रहे हैं। लेकिन क्या एमपी में मोदी मैजिक काम कर पाएगा।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के बेटों के नाम पर पार्कों के नाम रख दिए गए हैं। कांग्रेस ने जब इस पर आपत्ति जताई तो भाजपा ने सफाई में कहा कि स्थानीय लोगों का शिवराज के बेटों से इतना प्रेम है कि उन्होंने वो नाम रखे हैं। इस घटना ने गुजरात में पीएम मोदी के नाम पर स्टेडियम का नाम रखे जाने की याद दिला दी है।
मध्य प्रदेश से बीजेपी कविता पाटीदार को राज्यसभा भेजने जा रही है। रविवार को उनके नाम की घोषणा कर दी गई। दिलचस्प यह रहा लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी के ही लोग पूछते रहे - कौन हैं, ये कविता पाटीदार?
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार नेताओं की सिलसिलेवार मेल-मुलाक़ातों के तेज दौर, डिनर डिप्लोमेसी और अन्य गतिविधियों ने सियासी सरगर्मियां बढ़ाते हुए नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को जन्म दिया हुआ था।