राष्ट्रीय स्वयं संघ(RSS), 26 जून को ‘इमरजेंसी के 50 वर्ष’ मना रहा था। इस दौरान RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गए शब्द "समाजवादी" और "धर्मनिरपेक्ष" पर चर्चा की जानी चाहिए। होसबाले का इशारा इन शब्दों को प्रस्तावना से हटाने के लिए था। लेकिन उन्होंने इसके लिए जो तर्क पेश किया वो बेहद हल्का, कम जानकारी भरा,सतही और ग़ैर-जरूरी था।