केरल की मुसलिम एजुकेशन सोसायटी ने श्रीलंका सरकार की ही तरह अपने यहाँ छात्राओं के बुर्क़ा पहनने पर रोक लगा दी है। उसने बुर्क़ा शब्द का प्रयोग नहीं किया है लेकिन कहा है कि छात्राएँ ऐसा कपड़ा न पहनें, जिससे उनका चेहरा छिप जाता हो। जाहिर है कि बुर्के़ में जो नक़ाब लगा होता है, वह चेहरे को बिल्कुल छिपा देता है। उसके होने पर यह जानना आसान नहीं रहता कि बुर्के़ के अंदर कौन है? वह आदमी है या औरत है? आतंकवादी इसी भ्रमजाल का फायदा उठाकर हमला कर देते हैं।