केरल की मुसलिम एजुकेशन सोसायटी ने श्रीलंका सरकार की ही तरह अपने यहाँ छात्राओं के बुर्क़ा पहनने पर रोक लगा दी है। उसने बुर्क़ा शब्द का प्रयोग नहीं किया है लेकिन कहा है कि छात्राएँ ऐसा कपड़ा न पहनें, जिससे उनका चेहरा छिप जाता हो। जाहिर है कि बुर्के़ में जो नक़ाब लगा होता है, वह चेहरे को बिल्कुल छिपा देता है। उसके होने पर यह जानना आसान नहीं रहता कि बुर्के़ के अंदर कौन है? वह आदमी है या औरत है? आतंकवादी इसी भ्रमजाल का फायदा उठाकर हमला कर देते हैं।
बुर्क़ा और घूंघट, दोनों ही जाएँ
- विचार
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- 4 May, 2019

एक अच्छा मुसलमान बनने के लिए यह जरूरी नहीं है कि हर बात में अरबों की नकल की जाए। भारतीय मुसलमानों को इस मामले मे इंडोनेशिया के मुसलमानों को अपना आदर्श बनाना चाहिए। उनके नाम कैसे होते हैं? सुकर्ण, सुहृत, मेघावती आदि! वे रामायण और महाभारत की कथा करते हैं और उनके कथानकों पर मनोहारी नाटकों का आयोजन करते हैं। क्या वे हमारे या पाकिस्तानी मुसलमानों के मुक़ाबले घटिया मुसलमान हैं?