धर्म और राष्ट्रवाद के आधार पर राजनीति करने का आरोप झेलने वाली बीजेपी के हिंदुत्व पर राहुल गांधी ने फिर से हमला किया है। जानिए, आख़िर उनकी रणनीति क्या है।
इस ‘हिंदू समय’ में कितना हिंदू विचार है और कितना हिंदू विरोध? क्या हिंदुत्व की राजनीति ने हिंदू धर्म के सामने वाक़ई एक गंभीर चुनौती नहीं खड़ी कर दी है? पढ़ें कांग्रेस से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणी।
क्या अब समय आ गया है जब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए? क्या बजरंग दल के तौर-तरीक़े आपराधिक-आतंकवादी संगठनों जैसे नहीं है? क्या उनकी हिंसक गतिविधियाँ देश में अशांति और अस्थिरता पैदा नहीं कर रही हैं? क्या अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल करने वाले मोदी बजरंगियों पर पाबंदी लगाने की हिम्मत दिखाएंगे? क्या विपक्षी दल अपने राज्यों में प्रतिबंध लगाने की शुरुआत कर सकते हैं?
क्या हिंदुत्व की राजनीति ने पूरे समाज का अपराधीकरण कर दिया है? कांस्टेबल चेतन कुमार द्वारा ट्रेन में हत्या करके क्या संदेश दिया है? उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक काबिल एसपी का ट्रांसफर करके क्या जताया है कि हिंदुत्ववादियों को दंगा करने की छूट दो? बजरंगियों द्वारा जारी किए गए एक आपत्तिजनक वीडियो के बाद हरियाणा में दंगे क्यों हुए?
कॉलेजों के क्लासरूम में टीचरों का पढ़ाना बहुत बड़ा संकट बनने जा रहा है। कुछ छात्र उस हिन्दुत्ववादी एजेंडे के तहत ही पढ़ना और सुनना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें तैयार किया गया है। लेकिन कोई टीचर किसी धार्मिक एजेंडे के तहत क्लासरूम में कैसे पढ़ा सकता है। स्तंभकार और चिन्तक अपूर्वानंद ने यही मसला इस बार उठाया है। जानिएः
कर्नाटक में राहुल गांधी ने भाजपा के बजरंगबली के नारे को मोहब्बत की दुकान की धर्मनिरपेक्षता से चुनौती दी थी, लेकिन जबलपुर में कांग्रेस भी बजरंगबली के चरणों में हाज़िर हो गई !
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । RSS के पत्र: 2024 में सिर्फ मोदी मैजिक और हिन्दुत्व से काम नहीं चलेगा । RSS पत्रिका: नतीजे 2024 के चुनावों से पहले कांग्रेस को बढ़ावा देंगे
आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनका हिंदुत्व बीजेपी के हिंदुत्व से अलग है और उसमें किसी को जलाकर नहीं मारते’। उन्होंने कहा कि "हमारा हिंदुत्व स्पष्ट रूप से परिभाषित है और जगजाहिर है। हमारे हिंदुत्व के अनुसार हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कुछ लोग क्या खाते हैं, भाजपा के साथ ऐसा नहीं है।
पंजाब में खालिस्तान की आग को अमृतपाल सिंह खालसा ने सुलगाने की फिर से कोशिश की है। दूसरी तरफ हिन्दू राष्ट्र के लिए धर्म ध्वजा फहराने की अपील की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक पंकज श्रीवास्तव ने दोनों मुद्दों को सामने रखते हुए जो गंभीर सवाल किए हैं, उस पर देश के लोगों को विचार करना चाहिए।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रावण को राम से ज्यादा काबिल बताकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। राम चरित मानस पर राज्य के कुछ मंत्रियों की विवादित टिप्पणी से उठा विवाद धीरे-धीरे ठंडा हो रहा था लेकिन मांझी ने अब और घी डालकर आग को भड़का दिया।
एक महान देश का प्रधानमंत्री अपनी पहचान के लिए मंदिरों और आरतियों पर निर्भर है। मोदी की पहचान बताने के लिए एक केंद्रीय मंत्री ने उनके धर्म को चुना। दूसरी तरफ महाकवि दिनकर ने भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की जो पहचान बताई वो आप जानिए वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा के इस लेख से।
भारत जोड़ो यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि राहुल गांधी इसके जरिए नफरत नामक वायरस से सावधान करने का जो संदेश देना चाहते थे, वो उन्होंने आसानी से दिया। एक तरह गोडसे की विचारधारा है तो दूसरी तरफ गांधी की विचारधारा है। राहुल ने देश के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वो सही विचारधारा के साथ है।
बीजेपी-आरएसएस को मुगल शब्द से चिढ़ है। अंग्रेजों की बनाई बिल्डिंग में उद्यान का नाम सिर्फ मुगलों के नाम पर है। मुग़ल गार्डन का नाम बदलना बताता है कि यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों के भारत की हत्या का प्रयास है। नेताजी का नाम जपना बस इस गुनाह को छिपाने की कोशिश है।
भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म को देश का राष्ट्रीय धर्म बताया है। यह काफी विवादास्पद बयान है। देश के सबसे बड़े राज्य के सीएम का यह बयान बहुत रणनीतिक है। कैसे, जानिएः
हिन्दुत्व की राजनीति बीजेपी का पेटेन्ट बन चुका है। अगर किसी अन्य पार्टी ने हिन्दुत्व की राजनीति करने की कोशिश की, उस ट्रैप में वो फंसी लेकिन उसे मामूली सफलता भी नहीं मिली। कांग्रेस का उदाहरण सामने है। वो भी इस ट्रैप में फंसी और अब उसे अपनी मूल विचारधारा पर लौटकर भारत जोड़ो यात्रा निकालनी पड़ रही है। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल भी उसी ट्रैप में फंस चुके हैं, जबकि आप किन उद्देश्यों के लिए बनी थी? तनवीर जाफरी ने इन्हीं सवालों के तह में जाने की कोशिश की हैः